Saturday, May 30, 2020

भारत में कोरोना का अंत कब तक ?

जैसा  की हम सबको कोरोना के खत्म होने का  बेसब्री से इंतजार है,  इस बीच मैं आज  आपको बताने वाला हुँ, कि कब तक भारत से  कोरोना वायरस के खत्म होने कि संभावना है? सिंगापूर यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड डिज़ाइन के शोधकर्ताओ के आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस डाटा एनालिसिस ने इस महामारी के समाप्त होने के तीन अनुमानित समय बताये हैं, इसके मुताबिक कोरोना 97 % कब तक खत्म होगा, 99 % और 100 % कब तक खत्म होगा। हालांकि शोधकर्ताओं ने  बताया है  कि उनके अनुमान कि  समय सीमा मे थोड़ा बहुत परिवर्तन संभव है।  दुनिया के सभी देशों से कोरोना का अंत 9 दिसम्बर तक हो जायेगा, जबकि भारत में  यह पुरी तरह 26 जुलाई तक खत्म होने का अनुमान है। इसी तरह स्पेन मे 7 और इटली मे 25 अगस्त तक खत्म होने कि संभावना है। 

एक तरफ जहां कोरोना कि वैक्सीन अभी भी बनने के कगार पर है, वहीं कई ज्योतिषी भविष्यवाणी कर रहे हैं कि कोरोना वायरस महामारी सितम्बर तक खत्म हो सकता है। 

जैसा कि हम जानते हैं आज कल कोई भी व्यक्ति ज्योतिषशास्त्र मे विश्वास नहीं करता लेकिन फिर भी विशेषज्ञों ने बताया  कि कुछ ज्योतिषियों ने इस अनुमान से भविष्यवाणी कि है कि कोरोना वायरस 14 मई  के बाद अपनी विषाद खोने लगेगा और 13 सितम्बर तक ज़ब वृहस्पति का चढ़ना शुरू होगा तो यह बीमारी  नष्ट हो जायेगा। 

इसके बाद ज्योतिषशास्त्र कि व्याख्या करते हुए विशेषज्ञों ने कहा है, कि 24 जनवरी को शनि ने मकर राशि मे प्रवेश किया, 22 मार्च को मंगल मे प्रवेश किया और वृहष्पति 29/30 कि रात को प्रवेश किया। वृहष्पति सामान्य परिस्थितियों मे 13 महीनो के लिए एक नक्षत्र मे रहता है, इस  बार केवल 5 महीनो मे अपनी यात्रा पूरी कर ली। 

उन्होंने कहा कि धर्मग्रंथों मे यह उल्लेख है कि यदि एक वर्ष मे वृहस्पति तीन नक्षत्रों को स्पर्श करता है तो भी यह धार्मिक एवं आर्थिक संकट का संकेत है। हालांकि कुछ राहत आ सकती है क्योंकि मंगल मकर राशि छोड़ रहा है और कुंभ राशि में प्रवेश कर रहा है। 

 विशेषज्ञों के अनुसार 30 जून को बृहस्पति धनु में प्रवेश करेगा और बृहस्पति का नकारात्मक प्रभाव समाप्त होगा, जो विश्व के परिदृश्य में सकारात्मकता ला सकता है, यद्यपि बृहस्पति में भी 13 सितंबर को स्थिति में सुधार होगा,  इसका अर्थ यह है कि बीमारी सितंबर के अंत तक ही खत्म हो सकती है। 

Wednesday, May 27, 2020

जाने अमेरिका ने Tablet hydroxychloroquine कि डिमांड भारत से क्यों कि थी?

Tab hydroxychloroquine : 


जी  हाँ यह वही tablet है, जिसकी डिमांड अमेरिका ने भारत से हाल ही में कि थी। Basically इस tablet का उपयोग मलेरिया के उपचार में किया जाता है, साथ ही गठिया जैसे बीमारी में भी इसका उयोग किया जाता है। चुंकि भारत में हर साल मलेरिया के बहुत से मामले आते हैं इस वजह से इस दवाई का उत्पादन बाकी देशों के मुकाबले  ज्यादा होता है। इसका उयोग corona virus के prophylaxis के रूप में किया जा रहा था शुरुआत में यह इफेक्टिव था ऐसा माना जाता है इसलिए भारत ने इसके निर्यात पर रोक लगा दिया था। भारत में इस दवाई का उत्पादन दुनिया का 70% होता है।
अमेरिका के डिमांड के बाद भारत ने इस दवाई के निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया था। इस बीच 1064 अस्पताल में भर्ती कोविड 19 के मरीजों के एक नए फ्रांसिसी अध्ययन के अनुसार
 के anti biotic के साथ  Tab hydroxychloroquine के उपयोग से 10 दिनो के भीतर 91% ईलाज हुआ और 15 दिनो बाद 96% ईलाज कि दर बताई।इस बीच इसे  लेकर सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल  हुआ था। ICMR (INDIAN COUNCIL OF MEDICAL RESEARCH) के अनुसार संपर्क में आए मेडिकल स्टाफ और पॉजिटिव केस के घर वालों को या जितने भी लोग उनके संपर्क में आए हों इसे prophylaxis के रूप में दे सकते हैं।इसका डोज है 400 मिलीग्राम दिन में दो बार पहले दिन इसके बाद  रोज एक  खाने के साथ 3 हफ़्ते तक और जैसे ही मरीज का रिजल्ट पॉजिटिव आता है , इसे बन्द कर दें और डॉक्टर को दिखाएं। एक खोज के अनुसार संघाई में 24 मार्च 2020 को 30 covid 19 के मरीजों पर research किया गया इन्हे दो हिस्से में बांटा गया 15-15 में इनमें से 15 को यह दवाई 400 मिलीग्राम 5 दिन के लिए दिया गया और 15 को यह दवाई नहीं दिया गया, जब ये पूरा  ईलाज खत्म हुआ तो परिणाम सामने आया जिन्हें यह दवाई दी गया था  15 में से 13 का रिजल्ट  निगेटिव आया जबकि जिन्हें यह दवाई नहीं दिया गया था उन  15 में से 14 का रिजल्ट भी निगेटिव आया।अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं है कि covid 19 के ईलाज के लिए इस दवाई का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दवाई  के साइड इफेक्ट भी हैं ,ज्यादा डोज लेने से जान भी जा सकता है।

Friday, May 22, 2020

जाने अभी तक क्यों नहीं बन पाया corona virus ka Vaccine

 (टिका) -

 

                               




  Vaccine(टीका) असल में क्या होता है कैसे काम करता है ज्यादातर लोगो को पता नही होता उन्हें केवल इतना पता होता है कि टीकाकरण कराने से बीमारी नही होती। वास्तव में vaccine (टीका) एक जीवों के शरीर का उपयोग करके बनाया गया द्रव्य है। जिसके प्रयोग से शरीर
कि किसी रोग विशेष से लड़ने कि क्षमता बढ़ जाती है।


क्यों आवश्यक है?

                           जब रोगाणु हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, तब रोग प्रतिरक्षा तंत्र immune system  इन्हें नष्ट करने के लिए एक विशेष कोशिकाओं को भेजता है, परंतु कई बार immune system प्राकृतिक रूप से इतना सक्षम नहीं होता कि रोगों से शरीर कि रक्षा कर सके और रोगाणुओं को नष्ट कर सके, लेकिन टीकाकरण की मदद से हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं और रोगाणु को आसानी से  नष्ट कर सकते हैं। 



क्यों अब तक वैज्ञानिक नहीं बना पाए corona virus कि vaccine ?

आजकल सबके दिमाग में एक हि बात चल रही है कि आखिर इतना समय क्यों लग रहा है कोरोंना virus कि vaccine बनाने में जबकि सारे देश के scientist अपनी पूरी शक्ति और लगन के साथ दिन रात काम  कर रहे हैं। आइए 
जानते हैं इसके बारे में इसमें सबसे  पहली stage होती है, discovery मतलब lab में कमजोर या मरा हुआ vaccine बनाना।
इसके बाद दूसरी stage आती हैै, clinical trails कि इसके भी 3 phase होते हैं।

Phase 1 -

जानवरों के ऊपर प्रयोग के बाद अब बारी आती है human trail कि इसमें 50 सेहदमंद लोगो पर प्रयोग करके ये देखा जाता है, कि उनके immune system पर इसका क्या असर हो रहा है इसमें लगभग 3 महीने का समय लगता है। अगर इसमें  कोई दिक्कत ना हो तो आगे बढ़ते हैं।

Phase 2 -

1 stage के बाद टेस्ट पहुंचता है 2 stage में इसमें ज्यादा लोगो कि जरूरत पड़ती है इनकी संख्या हजार तक हो सकती है, कोशिश होती है कि ये लोग संक्रमण वाले इलाके से हों इस stage में ज्यादा महत्वपूर्ण पहलु सेफ्टी का होता है anti bodies का  level जो कि संतोषजनक होना बहुत अनिवार्य है, इसमें भी 6-8 महीना लग जाता है। यहां भी सब ठीक रहा तो आगे बढ़ते हैं।

Phase 3 -

इस stage में 20-30 हजार लोग हो सकते हैं और वो भी संक्रमण वाले इलाके से हमे ऐसी vaccine चाहिए जो संक्रमण को पूरी तरह रोक दे यहां से 6-8 महीने और लगते हैं। यदि यहां कोई दिक्कत नही होती तो मामला आगे बढ़ता है अप्रूवल कि तरफ ।
सारे टेस्ट का डाटा भेजा जाता है drug regulators के पास अप्रूवल के लिए।

 भारत में central drugs standard control organization है अमेरिका में us food and drug administration है ये संस्थाएं सारा डाटा देखती हैं और फैसला करती हैं कि अप्रूव करना है या नही इसमें में भी महीनों लगते हैं। इसके बावजूद मरीज तक पहुंचने की राह लंबी है, अब  बारी आती है manufacturing  और distribution कि दुनिया भर के लोगों के लिए vaccine बनाने में कितना समय लगेगा यह आप सोच सकते हैं और vaccine का दाम इतना हो कि हर कोई इसे  लेने में सक्षम हो।लोगो तक पहुंचने में 18 महीने लग जायेंगे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है ,यदि उससे पहले पहुंच जाता है तो एक रिकॉर्ड होगा ।

धन्यवाद्।

Wednesday, May 20, 2020

Corona virus

कोरोना वायरस- 

कोरोना वायरस क्या है?

कोरोना वायरस कई प्रकार के विषाणुओं का एक समूह है जो स्तनधारी और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है यह RNA वायरस होते हैं। इसके कारण श्वास तंत्र में संक्रमण पैदा हो सकता है। इससे हल्की सर्दी जुखाम से लेकर अति गंभीर जैसे मृत्यू तक हो सकती है। इसके रोकथाम के लिए अभी कोई टीका नहीं बना है।अभी केवल symptomatic treatment उपलब्ध है।

                           Corona virus                                         

उत्पत्ति 

चीन के वुहान शहर से आया यह वायरस ।कोरोना वायरस के बारे में पहली बार बीते साल दिसंबर में पता चला था।इसके शुरुआती मामले चीन के वुहान शहर के वेट मार्केट से जुड़े हुए थे।

लक्षण 

88% को बुखार 
68% को खासी
38% को थकान
18% को सास लेने में दिक्कत
14% को ढंडी लगना
11% को शरीर में दर्द
4% डायरिया होना 
बुखार - १००°c से ज्यादा बुखार 
खांसी - सुखी खासी गले में खराश 
सांस लेने में समस्या - ५ दिन के अंदर सांस लेने में समस्या
Who के अनुसार corona virus के लक्षण बुखार खांसी सांस लेने कि समस्या के आलावा फ्लू और कोल्ड जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। 


कैसे होता है 

Who के अनुसार corona virus संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकले थूक के बेहद बारीक कड़ हवा में फ़ैल जाते हैं इन कडो में corona virus के विषाणु होते हैं।और सांस लेने के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और फेफड़े  के छोटे छोटे  एयरसैक में पानी भरने लगता है जिससे मरीज को वेंटिलेटर कि जरुरत पड़ती है।

बचाव 

  • हाथो को सेनिटाइजर या हंड  वॉश से २० सेकंड तक धोएं
  • बाहर आने पर सबसे पहले मास्क पहने 
  • उपयोग हुए टीसू को डस्टबिन में डाले
  • १ मीटर या ३ फिट कि दूरी बनाकर रखे जिससे भी बात करें
  • हाथ से नाक कान मुंह को ना छूएं।


धन्यवाद



भारत में कोरोना का अंत कब तक ?

जैसा   की  हम सबको कोरोना के खत्म होने का  बेसब्री से इंतजार है,  इस बीच मैं आज  आपको बताने वाला हुँ, कि कब तक भारत से  कोरोना वायरस के खत्म...