Friday, May 22, 2020

जाने अभी तक क्यों नहीं बन पाया corona virus ka Vaccine

 (टिका) -

 

                               




  Vaccine(टीका) असल में क्या होता है कैसे काम करता है ज्यादातर लोगो को पता नही होता उन्हें केवल इतना पता होता है कि टीकाकरण कराने से बीमारी नही होती। वास्तव में vaccine (टीका) एक जीवों के शरीर का उपयोग करके बनाया गया द्रव्य है। जिसके प्रयोग से शरीर
कि किसी रोग विशेष से लड़ने कि क्षमता बढ़ जाती है।


क्यों आवश्यक है?

                           जब रोगाणु हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, तब रोग प्रतिरक्षा तंत्र immune system  इन्हें नष्ट करने के लिए एक विशेष कोशिकाओं को भेजता है, परंतु कई बार immune system प्राकृतिक रूप से इतना सक्षम नहीं होता कि रोगों से शरीर कि रक्षा कर सके और रोगाणुओं को नष्ट कर सके, लेकिन टीकाकरण की मदद से हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं और रोगाणु को आसानी से  नष्ट कर सकते हैं। 



क्यों अब तक वैज्ञानिक नहीं बना पाए corona virus कि vaccine ?

आजकल सबके दिमाग में एक हि बात चल रही है कि आखिर इतना समय क्यों लग रहा है कोरोंना virus कि vaccine बनाने में जबकि सारे देश के scientist अपनी पूरी शक्ति और लगन के साथ दिन रात काम  कर रहे हैं। आइए 
जानते हैं इसके बारे में इसमें सबसे  पहली stage होती है, discovery मतलब lab में कमजोर या मरा हुआ vaccine बनाना।
इसके बाद दूसरी stage आती हैै, clinical trails कि इसके भी 3 phase होते हैं।

Phase 1 -

जानवरों के ऊपर प्रयोग के बाद अब बारी आती है human trail कि इसमें 50 सेहदमंद लोगो पर प्रयोग करके ये देखा जाता है, कि उनके immune system पर इसका क्या असर हो रहा है इसमें लगभग 3 महीने का समय लगता है। अगर इसमें  कोई दिक्कत ना हो तो आगे बढ़ते हैं।

Phase 2 -

1 stage के बाद टेस्ट पहुंचता है 2 stage में इसमें ज्यादा लोगो कि जरूरत पड़ती है इनकी संख्या हजार तक हो सकती है, कोशिश होती है कि ये लोग संक्रमण वाले इलाके से हों इस stage में ज्यादा महत्वपूर्ण पहलु सेफ्टी का होता है anti bodies का  level जो कि संतोषजनक होना बहुत अनिवार्य है, इसमें भी 6-8 महीना लग जाता है। यहां भी सब ठीक रहा तो आगे बढ़ते हैं।

Phase 3 -

इस stage में 20-30 हजार लोग हो सकते हैं और वो भी संक्रमण वाले इलाके से हमे ऐसी vaccine चाहिए जो संक्रमण को पूरी तरह रोक दे यहां से 6-8 महीने और लगते हैं। यदि यहां कोई दिक्कत नही होती तो मामला आगे बढ़ता है अप्रूवल कि तरफ ।
सारे टेस्ट का डाटा भेजा जाता है drug regulators के पास अप्रूवल के लिए।

 भारत में central drugs standard control organization है अमेरिका में us food and drug administration है ये संस्थाएं सारा डाटा देखती हैं और फैसला करती हैं कि अप्रूव करना है या नही इसमें में भी महीनों लगते हैं। इसके बावजूद मरीज तक पहुंचने की राह लंबी है, अब  बारी आती है manufacturing  और distribution कि दुनिया भर के लोगों के लिए vaccine बनाने में कितना समय लगेगा यह आप सोच सकते हैं और vaccine का दाम इतना हो कि हर कोई इसे  लेने में सक्षम हो।लोगो तक पहुंचने में 18 महीने लग जायेंगे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है ,यदि उससे पहले पहुंच जाता है तो एक रिकॉर्ड होगा ।

धन्यवाद्।

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